जैसा की आप सब जानते हो की आज पूरी दुनिया मैं सिर्फ एक ही महामारी का जिक्र किया जा रहा है जिसका नाम कोरोना वाइरस है और तो और पूरी दुनिया मैं इस वाइरस को मिटने के लिए वैक्सीन निर्माण की होड़ भी लगी हुई है| ऐसे मैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह दावा पेश किया है की रूस ने कोरोना वाइरस की वेक्सीन का सफल परिक्षण कर चूका है और इस दवाई को रजिस्टर करवाने का दावा WHO के सामने पेश किया है|
क्या रूस ने बना ली कोरोना वैक्सीन राष्ट्रपति पुतिन का दावा:-
हाल ही मैं प्राप्त सूत्रों से पता चला है की राष्ट्रपति पुतिन ने कोरोना की वैक्सीन को रजिस्टर भी करवा लिया है और इसका पहला परिक्षण राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी बेटी पर किया है जो की सफल रहा है और साथ ही रूस अब दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन रजिस्टर करवा ली|
साथ ही राष्ट्रपति पुतिन ने इस सफलता को ऐतिहासिक कहा है और इसके उपयोग से पहले उन्होंने इसका परिक्षण अपनी दो बेटियों मैं से एक पर किया है और इसके बाद से ही उन्होंने यह दावा भी किया है की इस वैक्सीन के उपयोग से लोगो को लम्बे समय तक कोरोना से बचाया जा सकता है|
क्या और देश रूस की कोरोना वैक्सीन के खिलाफ है?
रूस द्वारा बनाई गयी कोरोना वैक्सीन का निर्माण गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रूस की डिफेंस मिनिस्ट्री ने साथ मिलकर किया है और साथ ही रूस की इस वैक्सीन को 12 अगस्त को रजिस्टर किया जाना था| हांलांकि रूस ने वैक्सीन रजिस्टर करवा ली है लेकिन अभीभी कई ऐसे देश है जो रूस की इस वैक्सीन पर सवाल उठा रहे है| इन देशो के मुख्य अधिकारियो का यह कहना है की रूस ने यह ट्रायल समय से पहले ही जल्दीबाजी मैं करवाया है जिसका साइड इफेक्ट्स हो सकते है|
रूस की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कब और कैसे हुआ?
रूस द्वारा बनाई गयी इस कोरोना वैक्सीन का पहला ट्रायल 18 जून को शुरू किया गया था जिसमे कूल 38 लोगो इस वैक्सीन के परीक्षण के लिए शामिल किया गया था जिसमे इन लोगो को 2 टीमों मैं विभाजित किया गया था और इन पर इस वैक्सीन का परिक्षण किया गया| इस परिक्षण के बाद से उन लोगो मैं सुधार ह्या और उनके पहली टीम को 15 जुलाई और दूसरी टीम को 20 जुलाई हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया था|
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